“महिला साधिकाओं के लिए सूचना:
महिलाएँ मासिक धर्म के समय केवल मानसिक जप कर सकती हैं | इन दिनों में उन्हें ॐ (प्रणव) के बिना
ही मंत्र जप करना चाहिए | किसीका मंत्र 'ॐ राम' है तो मासिक धर्म के पांच दिनों तक या पूर्ण शुद्ध न होने तक केवल 'राम-राम' जप सकती है | स्त्रियों का मासिक धर्म जब तक जारी हो, तब तक वे दीक्षा भी नहीं ले सकती | अगर अज्ञानवश पांचवें-छठवें दिन भी मासिक धर्म जारी रहने पर दीक्षा ले ली गयी है या इसी प्रकार अनजाने में संतदर्शन या मंदिर में भगवद्दर्शन हो गया हो तो उसके प्रायश्चित के लिए 'ऋषि पंचमी' (गुरुपंचमी) का व्रत कर लेना चाहिए |
स्त्रोत- आश्रम द्वारा प्रकाशित "मंत्र जप महिमा एवं अनुष्ठान विधि" पुस्तक से
(विशेष: पूज्य बापूजी की रिहाई के लिए सभी साधक शुभ संकल्प करके "ॐ ह्रीं ॐ" मंत्र एवं "पवन तनय
मंत्र" का और पूज्य बापूजी के स्वास्थय के लिए "महामृत्युंजय मंत्र" का यथाशक्ति जप करते रहे l) “